शाम का समय था, कंचन पढ़ रही थी। लेकिन आजकल आनंद, कुछ खास पढ़ाई नहीं करता था। मिसेज त्रिपाठी ने उसे अपने पास बुलाया और समझाने के लिए, एक कहानी सुनाती हैं। कहती हैं- आईलैंड के नजदीक, एक गांव था, जहां आए दिन आंधी, तूफ़ान और बारिश होती थी। इसलिए बहुत से किसानों ने, खेती करना छोड़ दी। वहां एक बहुत साधारण, पतला-दुबला बूढ़ा किसान था। वो सुबह से शाम तक खेतों में मेहनत करता। धीरे-धीरे समय बीतता गया और फसल कटाई का समय आ गया। लेकिन एक शाम, अचानक तूफ़ान आ गया। वो किसान तेजी से उठा, हाथ में लालटेन ली
और अपने घर की तरफ दौड़ा। गली में उसे आता देखकर, लोग उसका मजाक बनाते हुए कहने लगे- आंधी-तूफान तो आना ही था, तुमने बेकार में मेहनत करके अपना समय बर्बाद किया। उसने लोगों की बातों को अनदेखा किया और अपनी झोपड़ी में चला गया। रात को तेज बारिश हुई। सुबह, उसकी फसल को देखने के लिए, लोग जैसे ही उसके खेतों में पहुंचे। वो हैरान रह गए,ये देखकर- कि फसल कटकर, तिरपाल के नीचे ढकी हुई थी। असल में, ज़िन्दगी में भी ऐसे तूफ़ान आने तय हैं, बस जरूरत है पहले ही तैयारी करके रखने की, ताकि मुसीबत आने पर भी चैन से सो सकें।